इन वायरल वीडियो ने जिला आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बी आर वैध और नौगांव आबकारी निरीक्षक अजय वर्मा की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। गांव गांव और शहर के वार्डों में अवैध शराब बिक रही है और जिम्मेदार विभाग मूक दर्शक बना हुआ है । जबकि नियमों के मुताबिक ठेके से शराब की बिक्री केवल निर्धारित परिसर में ही होनी चाहिए,परंतु नौगांव शहर के हालात बिल्कुल इसके उलट हैं। दिनों ठेकों से रोजाना शराब की पेटियाँ मोटरसाइकिलों पर लादकर शहर की गलियों, मोहल्लों और आसपास के गांवों तक पहुंचाई जा रही हैं।
ये अवैध सप्लाई कानून की सीधी अवहेलना है, और यह बिना प्रशासनिक संरक्षण के मुमकिन नहीं
जब वायरल वीडियो के कुछ दिनों पश्चात जिला आबकारी अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की हम कार्यवाही कर चुके है इसके बाद पूछा गया की कहा कहा और कितनी मात्रा में शराब और कौन से जप्त कर कार्यवाही की गई तो उनका कहना था की वह सब जानकारी इंस्पेक्टर से ले लो जब इंस्पेक्टर साहब से बात करनी चाही तो उन्होने फोन ही रिसीव नहीं किया। यह अनदेखी नही बल्कि एक सटीक उदाहरण है कि कैसे विभागीय अधिकारी शराब माफियाओं की जेब में बैठे हैं। हर दिन ठेके से गांवों और शहर के वार्डों में शराब की खुली सप्लाई करवा रहे है
और विभाग इसे देखकर भी अनदेखा कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है। क्या अधिकारी वाकई अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ रहे हैं, या जानबूझकर इस गोरखधंधे का हिस्सा बन चुके हैं समझ से परे,?