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जिला कलेक्टर के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां जिम्मेदार अनभिज्ञ


 

 उप पंजीयक पर नियमों के उलंघन के फिर लगे आरोप प्रतिबंधित नजूल भूमि का किया अवैध पंजीयन 

नौगांव । शहर के तहसील कार्यालय में प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार का खतरनाक चेहरा एक बार फिर सामने आया है। जहा कलेक्टर के स्पष्ट आदेशों और कानून की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। उप पंजीयक कार्यालय ने नजूल भूमि (खसरा नंबर 485/1/1/21/1/1/1, मौजा नौगांव) का अवैध पंजीयन किया। यह वही भूमि है, जिसे छतरपुर जिला कलेक्टर ने 1986 में इस भूमि के विक्रय पर प्रतिबंधित कर दिया था। यह मामला एक गंभीर प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि एक सुनियोजित भूमि घोटाला प्रतीत हो रहा है। जिससे आहत फरियादी ने जनसुनवाई में आवेदन देकर न्याय और निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है ।

शहर के वार्ड नंबर 12 में रहने वाले हाफिज सौदागर पिता सलीम सौदागर ने बताया की नौगांव मोजा की खसरा नंबर 485/1/1/21/1/1/1, इस भूमि को खरीदने की कोशिश की, तो तहसील कार्यालय में सब रजिस्टार संजीव विमोचन ने उप ने उन्हें विक्रय पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए पंजीयन करने से मना कर दिया था। लेकिन इसके बाद दिनांक 23 अप्रैल 2025 को,उसी भूमि का सब रजिस्ट्रार द्वारा विक्रय पत्र रामशंकर मिश्रा नामक व्यक्ति के नाम पंजीकृत कर दिया जिससे यह स्पष्ट हो रहा है की जिला कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना कर जानबूझकर कानून की धज्जियां उड़ाते हुए इस भूमि का अवैध पंजीयन किया गया है। जिससे यह भी प्रतीत हो रहा है की यह कृत्य किसी एक कर्मचारी की गलती नहीं, बल्कि प्रशासनिक मिलीभगत का परिणाम हो सकता है।

क्या यह मामला सिर्फ एक लापरवाही है, या फिर भूमि घोटाले की एक साजिश?

प्रार्थी हाफिज सौदागर ने इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशासनिक भ्रष्टाचार सिर्फ नौगांव तक सीमित नहीं रह सकता, यह पूरे जिले की कानून व्यवस्था और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

क्या प्रशासन इस इसकी करायेगा जांच 

तहसील कार्यालय से यह पहला मामला नहीं है अभी कुछ दिन पहले भी एक ऐसा भी ऐसा ही भूमि का मामला सामने आया था ऐसे में अब जिला प्रशासन से लेकर अनुविभागीय अधिकारी इस भूमि के प्लाट को लेकर हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवाए और दोषियों को सजा दिलवाए। ताकि इस तरह के भ्रष्टाचार पर रोक और जिला कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना न की जा सके अब देखने बाली बात होगी की क्या जिला कलेक्टर और प्रशासन इस भूमि घोटाले की सच्चाई को उजागर करने के लिए कदम कोई उठाएंगे या फिर इस मामले को दबाने का प्रयास किया जाएगा?

आपसे जानकारी प्राप्त हुई है। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

गोपाल शरण पटेल एसडीएम नौगांव

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