छतरपुर। बीते रोज गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बारी के रामलला मंदिर में छतरपुर एसडीएम और नायब तहसीलदार के बीच हुई कथित झूमा-झटकी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया, जिनमें से दो को जेल भेजा गया है। वहीं प्रशासन द्वारा मंदिर में ताला लगाने से नाराज संत समाज ने नाराजगी जताई है। संतों का कहना है कि बीते रोज से रामलला मंदिर के पट बंद हैं, पूजा-पाठ नहीं हो सका है, जो कि धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है।
निर्मोही अखाड़ा के पंच एवं जानराय टौरिया के महंत भगवानदास श्रृंगारी ने पूरे घटनाक्रम को प्रशासन की मनमानी करार दिया है। उन्होंने कहा कि न तो शासकीय कार्य में बाधा डाली गई और न ही किसी तरह की मारपीट या झूमा-झटकी हुई है। महंत का कहना है कि यदि प्रशासन के पास ऐसा कोई वीडियो प्रमाण है, तो सार्वजनिक करे। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों के प्रबंधन का अधिकार कलेक्टर के पास होता है, एसडीएम को ऐसा कोई अधिकार नहीं कि वे मंदिर में ताला लगवा सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि रामलला मंदिर में जब से ताला लगा है, तब से प्रसाद नहीं चढ़ा, पूजा-पाठ नहीं हुआ, यह प्रशासन का खुला अन्याय है। महंत श्रृंगारी ने चेतावनी दी कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो समस्त साधु-संत सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।