नौगांव।शासकीय बापू महाविद्यालय, जो अब पीएम एक्सीलेंस कॉलेज है, में मजदूरी मद के कर्मचारियों से नियमितीकरण के नाम पर वसूली का मामला सामने आया है। इस मुद्दे ने विधानसभा में भी गूंज पैदा कर दी है, जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर कॉलेज भेजी है। टीम ने उन कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने पूर्व प्राचार्य पर लेनदेन का आरोप लगाया है।
कर्मचारियों ने लगाए गंभीर आरोप:
मानसिंह कुशवाहा, अनुज कुमार चौबे, प्रवेन्द्र सिंह, देवेन्द्र विश्वकर्मा और कृष्णपाल सिंह नामक कर्मचारियों ने उच्च शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत दी थी कि पूर्व प्राचार्य हरदयाल अहिरवार ने उनसे नियमितीकरण के लिए डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। कर्मचारियों का आरोप है कि पूर्व प्राचार्य ने पहले 60-60 हजार रुपये लिए और बाद में 90 हजार रुपये की मांग की। जब कर्मचारियों ने नियमितीकरण की प्रगति के बारे में पूछा, तो उनसे कहा गया कि उनकी फाइल उच्च स्तर पर भेजी जा रही है और बाकी पैसे देने को कहा गया। कर्मचारियों ने कलेक्टर से भी इस मामले की शिकायत की थी। यहां तक कि दीपावली पर भी उन्हें वेतन नहीं दिया गया था। प्राचार्य के तबादले के बाद नए प्राचार्य ने जनभागीदारी मद से तीन माह का वेतन भुगतान किया।
विधानसभा में मुद्दा गरमाया, जांच टीम गठित:
राजनगर विधायक अरविंद पटैरिया ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया, जिसके बाद भोपाल से तीन सदस्यीय जांच टीम नौगांव कॉलेज पहुंची। टीम ने कर्मचारियों से पूछताछ की और उनके लिखित बयान लिए। हालांकि, जांच टीम ने मीडिया से कोई भी जानकारी साझा नहीं की है।
प्राचार्य सवालों से बचते दिखे:
जब इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य से सवाल किए गए, तो वे सवालों से बचते नजर आए और टीम के जाने से पहले ही अपने चैंबर से निकल गए।
कर्मचारियों को उम्मीद है कि जांच के बाद उन्हें न्याय मिलेगा और उनसे लिए गए पैसे वापस होंगे, साथ ही रुका हुआ वेतन भी मिलेगा।