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बापू वाटिका- इतिहास की अनदेखी और सौंदर्यकरण की अनकही कहानी

 


बापू की छतरी को अपने दिन फिरने का इंतजार
राघव भास्कर नौगांव। विगत वर्ष 2013 में बापू डिग्री कॉलेज के छात्रों ने जन सहयोग से चंदा एकत्रित कर कॉलेज के मुख्य द्वार पर बापू वाटिका की स्थापना की थी। इस वाटिका में महात्मा गांधी की एकमात्र मूर्ति स्थापित की गई थी, जो नगर के प्राचीन इतिहास में किसी महापुरुष की एकमात्र मूर्ति है। वाटिका का उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल द्वारा किया गया था।
बापू वाटिका की वर्तमान स्थिति पीएम एक्सीलेंस ऑफ  कॉलेज घोषित होने के बाद कॉलेज पर लाखों रुपए का सौंदर्यीकरण किया गया लेकिन बापू वाटिका के दिन नहीं बदले। यह वाटिका अब भी उसी स्थिति में है जैसी 2013 में थी।
बापू डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एल एन  रावत ने  बातचीत में कहा, यह सच है कि आज भी यहाँ सुन्दर वृक्ष और लताएं सुशोभित हैं। लेकिन, कॉलेज प्रबंधन द्वारा इसकी देखभाल में कमी देखी जा रही है। राज्यपाल महोदय द्वारा उद्घाटित भवन में आज भी बापू जी की सुन्दर प्रतिमा विराजित है, परंतु उसकी देखरेख पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकी आज उन्हीं के नाम से वहां चौराहा विख्यात है
प्राचीनता का संरक्षण-
पीएम एक्सीलेंस ऑफ  कॉलेज के माध्यम से 55 कॉलेजों को उत्कृष्टता और सुविधाएं प्रदान की गई हैं। लेकिन यह आदेश नहीं  दिया गया है कि सुंदरीकरण के नाम पर किसी भी प्राचीनता या पुरातनता को विलोपित नहीं किया जाएगा। बापू डिग्री कॉलेज के मुख्य द्वार से शासकीय बापू महाविद्यालय नौगांव का नाम विलोपित कर दिया गया है, जो चिंता का विषय है।
कॉलेज प्रबंधन की अनदेखी-
बापू वाटिका का सौंदर्यकरण और देखभाल कॉलेज प्रबंधन की जिम्मेदारी है। झांसी रोड और सर्किट हाउस की ओर बने द्वारों सहित पूरे परिसर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण पर ध्यान देना आवश्यक है। लेकिन वर्तमान प्रबंधन द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। हां जो  बजट आया था उसमें जो काम  हो सकते थे वह कराकर उसको निपटा दिया। एलन रावत के  मुताबिक मुख्य द्वार पर न तो कॉलेज का नाम स्पष्ट है और न ही झांसी रोड स्थित गेट पर। इतने महत्वपूर्ण स्थल की देखरेख होना वाकई चिंता का विषय है।
क्यों भुला दी शहर के एकमात्र महापुरुष के मूर्ति स्थल को-
पीएम ऑफ एक्सीलेंस  कॉलेज घोषित होने के बाद बापू डिग्री कॉलेज का सौंदर्यीकरण तो हुआ, लेकिन बापू वाटिका की अनदेखी जारी है। इसके संरक्षण और देखभाल की आवश्यकता है ताकि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बना रहे। कॉलेज प्रबंधन को इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने चाहिए क्योंकि आज भले ही है पीएम एक्सीलेंस ऑफ कॉलेज के संग नाम से कॉलेज विख्यात हो गया लाखों का बजट मिल गया लेकिन इसकी मां जड़ वही बापू डिग्री कॉलेज का पुराना भवन है जहां बापू की मूर्ति स्थापित है।
इनका कहना है
मैं इस समय बाहर हूं थोड़ी देर बाद बात करता हूं।
एचडी अहिरवार, प्राचार्य शासकीय बापू महाविद्यालय, नौगांव

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