शिक्षिका का सोते समय का यह वीडियों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। यह स्थिति अकेले देवगांव के स्कूल की नहीं है बल्कि जिले के 75 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में यही नजारा देखने को मिलता है। कोई समय से स्कूल नहीं आता तो कोई समय से पहले स्कूल से चला जाता है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को तमाम सुविधाएं दी जाने के बाद भी वहां का शैक्षणिक स्तर काफी कमजोर होता है। और इसके लिए मुख्य रूप से स्कूलों में पदस्थ शिक्षक होते हैं। यदि शिक्षक समय से स्कूल पहुंचे और बच्चों की पढ़ाई में ध्यान दें तो शायद सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था सुधर सकती है।
बच्चों को पढ़ाने की बजाय कुर्सी में बैठकर गहरी नींद ले रही शिक्षिका
August 01, 2024