पीडीएस के चावल की कालाबाजारी के जिम्मेदार फूड और नान के अधिकारियों को यह आशंका है कि जो चावल जप्त किया गया है वह पीडीएस का है और चावल के फोर्र्टीफाइट होने के पहले की जांच की जा रही है।लेकिन यह जांच भी एक सप्ताह में पूरी नहीं हुई और नागरिक आपूर्ती विभाग के अधिकारी जांच रिपोर्ट आने पर आंगे की कार्यवाही की बात कर रहे हैं। डीएसओ का कहना है कि यदि चावल फोर्र्टीफाइड पाया जाता है तो कारोबारी सहित अन्य के खिलाफ आवश्यक वस्तुअधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। हलांकि जांच टीम ने जो चावल का ट्रक जप्त किया है वह इंदौर का है। ट्रक पकड़े जाने के बाद कार्यवाही के भय से व्यपारी जप्त चावल पर अपना अधिकारी नहीें बता रहे हैं। हलांकि ट्रक के ड्राइवर चंद्रभान सिंह पिता दलपत कुशवाहा द्वारा चावल की लोडिग़ कराने वाले छतरपुर के व्यापारी गुप्ता का नाम भी बता दिया था।
लेकिन फूड और नॉन के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले मेें व्यापारी गुप्ता को बचाने में लगे हुए हैं और अब डीएसओ का कहना है कि ट्रक मालिक निवासी इंदौर उदयप्रताप सिंह आवश्यक वस्तुअधिनियम के तहत नोटिस भेजा गया है और इन तीन दिन में भी ट्रक मालिक ने चावल व्यापारी के संबंध में जानकारी उपलब्ध नही कराई तो फूड विभाग प्रकरण दर्ज कराएगा। इस पूरे मामलें मेें देखने को यह मिला है कि अधिकारियों और व्यापारियों की सांठगांठ के चलते गरीबों के मुंह का निवाला छीना जा रहा है। आखिर कब तक इस तरह फूड विभाग और नॉन के अधिकारी इस तरह के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालते रहेंगे। वैसे शहर में इन्ही दोनो विभागों की उदाशीनता के चलते ही पीडीएस के चावल की खुलेआम कालाबाजारी चल रही है और इन दोनों विभागों के अधिकारी मुकदर्शक बनकर नजारा देखते रहते हैं।