विज्ञापन

Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

Breaking Posts

Right Post

तहसीलदार रंजना यादव के खिलाफ कार्यवाही से क्यों भयभीत है छतरपुर के कलेक्टर


 अदालत को गुमराह करने की साजिश रच झूठे प्रतिवेदन पेश करने वाली छतरपुर तहसीलदार रंजना यादव के खिलाफ कार्यवाही से क्यों भयभीत है छतरपुर के कलेक्टर 

- छतरपुर यानि राजधानी भोपाल से दूसरे राज्य की सीमा से सटा। दूर होने के बाद भीं यह जिला केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र, मप्र सरकार में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार का विधानसभा क्षेत्र है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियो की मन मर्जी और मौज मर्जी से पहचान बना चुका है। अधिकारियो की मदमस्ती पूरे शबाब पर है जो अदालत को भीं जेब या पर्स में खोस घूम रहे है और अदालत भीं असहाय सी नजर आ रही है। किशोर सागर तालाब के मामले में कलेक्टर संदीप जी आर को द्वितीय अपर सत्र न्यायालय से तीन पत्र व्यक्तिगत तौर पर जारी होते है पर किसी का जवाब नहीं। हद तो छतरपुर की तहसीलदार रंजना यादव नें पार कर दी ज़ब किशोर सागर तालाब के मामले में दो फर्जी झूठे और गुमराह करने वाले प्रतिवेदन अदालत में पेश कर दिये। छतरपुर जिले के जिम्मेदार अधिकारियो या मप्र सरकार का अनन्य मोह है कि मीडिया खबरों के बाद भीं तहसीलदार रंजना यादव का कुछ नहीं बिगड़ा। अब शाही सुख का शाही अंदाज कहा जायेगा कि तहसीलदार रंजना यादव तो वकीलों तक को कूड़ा कचरा मान रही है। पिछले दिनों अधिवक्ता पवित्र रावत के मामले में तहसीलदार यादव नें तो अपने खतरनाक इरादों की नुमाइश कर दी ज़ब उन्होंने यह तक कह दिया कि देर शाम अधिवक्ता क्या बलात्कार.....। अब मैडम यह क्यों नहीं बताती कि वह तहसील में देर शाम से रात्रि तक बैठती क्यों है। क्या काले कारनामो की फाइले काली स्याही से ओके की जाती है? आरोप तो नित रोज नये नये है फिलहाल तो क्या ईमान का चेहरा कलेक्टर संदीप जी आर उस तहसीलदार पर कार्यवाही की दम दिखा पाने में सक्षम है जो तहसीलदार अदालत को भीं अपमानित करने में निडर है।

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |