छतरपुर। प्रदेश सरकार ने नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामले में बड़ा फैसला लिया है, हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद मप्र शासन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अनुपयुक्त पाए गए छतरपुर जिले के 4 नर्सिंग कॉलेजों सहित प्रदेश के कुल 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को निरस्त कर दिया है। कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने संबंधित जिलों के कलेक्टर को कॉलेजों की सूची देकर इन्हें बंद करवाने के निर्देश दिए हैं।कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थी नहीं होंगे प्रभावित, सीएम ने दिए निर्देश
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के चर्चित घोटालों में से एक नर्सिंग घोटाले की जाँच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद इसमें तेजी आई थी। सीबीआई को जाँच के दौरान प्रदेश में 66 ऐसे नर्सिंग कॉलेज मिले जो कागजों पर चल रहे थे। सीबीआई ने इन्हें अनुपयुक्त बताया और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद कोर्ट ने शासन को कार्रवाई के निर्देश दिये और मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग ने अब एक्शन लेते हुए इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है।
सीबीआई की जाँच में कागजों पर चलते मिले छतरपुर के यह कॉलेज
सीबीआई द्वारा की गई जांच में छतरपुर जिले के जो चार कॉलेज कागजों में चलते मिले हैं उनमें आधार नर्सिंग कॉलेज, जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज, खजुराहो इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग साइंस और एसआर कॉलेज ऑफ नर्सिंग शामिल हैं, जिन्हें बंद कराने के निर्देश कलेक्टर संदीप जी आर को दिए गए हैं। राज्य शासन ने अपने आदेश में कहा है कि इस आदेश से नर्सिंग कॉलेज के पुराने विद्यार्थी प्रभावित नहीं होंगे, वहीं कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने भी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज के मापदंडों की पूर्ति में अनफिट पाए गए कॉलेज पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी प्रभावित न हो और परीक्षा दे सकें ऐसी व्यवस्था की जाए।