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अभिमानियों को दण्ड, ज्ञानियों की रक्षा करते हैं हनुमान तीन दिवसीय श्री हनुमंत कथा का हुआ विराम

 


छतरपुर। शक्ति के केन्द्र बागेश्वर धाम में श्री हनुमान जन्म महोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय श्री हनुमंत कथा का भी रसपान करने का धर्मप्रेमियों को अवसर मिला। रसधारा के तीसरे दिवस कथाव्यास वृंदावन धाम से पधारे प्रख्यात कथावाचक पुण्डरीक गोस्वामी महाराज ने कथा के विराम दिवस पर हनुमान जी के विभिन्न गुणों और स्वरूपों के प्रसंग सुनाए। कथाव्यास ने कहा कि हनुमान जी अभिमानियों को दण्डित करते हैं और ज्ञानियों के मान की रक्षा करते हैं।
हर रोज की तरह कथा विराम दिवस में भी बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने उपस्थित विशाल कथाप्रेमियों के समूह को संबोधित करते हुए धर्म की सीख दी। वहीं कथाव्यास पुण्डरीक गोस्वामी ने हनुमान जी के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो ज्ञानियों का मान बढ़ाते हैं। उन्होंने हनुमान शब्द की भी व्याख्या की। कथाव्यास ने कहा कि हनुमान शब्दों का पंक्षेपण हैं इस तरह से विभिन्न संस्थानों एवं बड़े नामों को संक्षेप किया जाता है। उसी तरह से भगवान श्रीराम, नारायण, भोलेनाथ की शक्तियों का हनुमान जी में समावेश हुआ है। हनुमान चालीसा की चौपाईयों का कथाव्यास ने अद्भुत वर्णन किया।  
एक भोली भाली सी सूरत में भगवान मिला है...
बागेश्वर धाम सिद्धपीठ में श्री हनुमान जन्म महोत्सव के पावन अवसर पर बीती शाम बागेश्वर धाम पहुंची प्रख्यात कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने अपनी कविताओं से बालाजी और पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की साधना की। उन्होंने गीत पढ़ते हुए कहा कि एक भोली भाली सी सूरत में भगवान मिला है। यहां कविताएं सुन रहे विशाल जनसमूह की आंखों में उस समय आंसू छलक उठे जब अनामिका अंबर ने विश्वास न टूटने के गीत की लाइनें प्रस्तुत की। उन्होंने गाया कि किसी भी हाल में मेरी कभी अरदास न टूटे, मेरे ईश्वर, मेरे भगवन मेरा विश्वास न टूटे। ईश्वर को समर्पित एक से बढ़कर एक कविताओं को बागेश्वर धाम के सांस्कृतिक मंच से प्रस्तुत किया।
दरोगा हप्पू सिंह के साथ स्थानीय बुन्देली कलाकारों ने दर्शकों को गुदगुदाया
बागेश्वर धाम के सांस्कृतिक मंच से बीती रात हास्य की प्रस्तुति भी हुई। एण्ड टीवी के जाने-माने कलाकार योगेश तिवारी दरोगा हप्पू सिंह ने बालाजी के दर्शन किए और इसके बाद मंच से हास्य व्यंग्य की प्रस्तुतियां दीं। उनके साथ स्थानीय बुन्देली कलाकारों ने भाग लिया। बुन्देलखण्ड के जाने-माने कलाकार हिमालय यादव हरिया, किशन कुशवाहा कक्कू, जयहिंद यादव तथा अनूप चतुर्वेदी की कॉमेडी ने सबको गुदगुदाया। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री एवं प्रख्यात कथावाचक पुण्डरीक गोस्वामी महाराज की मंच पर उपस्थिति के दौरान हप्पू सिंह सहित सभी बुन्देली कलाकारों ने अपने अभिनय के माध्यम से लोगों को खूब हंसाया।
मानस सम्मेलन में विद्वानों ने बताईं रामचरित मानस की गूढ़ बातें
श्री हनुमान जन्म महोत्सव के अवसर पर बागेश्वर धाम में मानस सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। विभिन्न स्थानों से पधारे विद्वतजनों ने रामचरित मानस के गूढ़ तत्वों को उपस्थित धर्मप्रेमियों तक पहुंचाया। इस सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद, हनुमान गढ़ी के राजू दास महाराज, वृंदावन के नेत्रपाल शास्त्री, दमोह की नीलमणि दीक्षित, नीलम त्रिपाठी, पचोखरा के महंत गुरूप्रसाद, मऊरानीपुर के ब्रजेश त्रिपाठी, अयोध्या के सीताशरण महाराज, पारीक्षा से महंत महावीरदास, झांसी से रामजीवन पस्तोर ने मानस सम्मेलन में हिस्सा लिया। आचार्य रोहित रिछारिया ने बताया कि सभी विद्वानों की ओर से रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से धर्म और साधना की महिमा का बखान किया गया

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