राजगढ़ । पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत हो गई. घटना को लेकर परिजनों ने पुलिस पर जहर देकर मारने के आरोप लगाए हैं। घटना को लेकर परिजनों व मिलने वालों ने खिलचीपुर में सड़क पर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। समझाइश के बाद प्रदर्शन समाप्त किया। जानकारी के मुताबिक खिलचीपुर निवासी करण मोगया पर एक नाबालिग को भगाकर ले जाने का आरोप हैं। उसपर नाबालिग को भगाकर ले जाने के आरोप लगे थे। नाबालिग के परिजनों की शिकायत पर उस पर प्रकरण दर्ज किया था।इसके बाद नाबालिग के बयानों के आधार पर आरोपित पर अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं को भी बढ़ाया गया था।
धारायें बढ़ने के बाद 28 दिसंबर को पुलिस ने खिलचीपुर बस स्टेण्ड के समीप से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद पुलिस कस्टडी में ही युवक की जहर के कारण मौत हो गई। पुलिस हिरासत में ही युवक को उल्टियां होने लगी। इसके बाद उसे खिलचीपुर अस्पताल ले गए।वहां से जिला अस्पताल राजगढ़ लेकर पहुंचे। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर भोपाल निजी अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के दौरान एक दिसम्बर को युवक की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने परीजनो को बताया की युवक की तबियत खराब होने से मौत हुई हैं। परिजनों का आरोप हैं की पुलिस ने यह नहीं बताया की युवक की मौत क्यों हुई हैं। हमें भोपाल अस्पताल से जहर खाने की खबर लगी। पुलिस मामले को दबाने की फिराक में थी। इसलिए वह कुछ बताना नहीं चाह रही थी।
सड़क पर शव रखकर किया चक्कजाम-
घटना के बाद परिजनो ने मंगलवार को खिलचीपुर में शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. परिजनों द्वारा युवक को प्रताड़ित करने व जहर देकर मारने के आरोप लगाए। परिजनों ने आरोप लगाए की पुलिस ने उसे बेवजह प्रताड़ित किया है।उन्होंने युवक को जहर देकर मारने के आरोप लगाया। परिजनों ने कहा की युवक की मौत में पुलिस की भूमिका संदेह प्रद है।यही कारण हैं की पुलिस ने परिजनों को घटना के बारे में ठीक से बताने की बजाए कहा की तबियत बिगड गई। जबकि जहर के कारण मौत की सूचना परिजनों को भोपाल से लगी। लम्बे समय तक प्रदर्शन किया. शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करते रहे।वह पुलिस व लड़की के परिजनों पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे। हालांकि बसद में समझाइश के बाद माने. जाम के बाद एएसपी अलोक शर्मा, राजगढ़ एसडीएम गुलाबसिंह बघेल, तहसीलदार सोनू गुप्ता, एसडीओपी आनंद राय भी मौक़े पर जा पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने परिजनों से बात की.
पुलिस बोली आरोप निराधार-
उधर परिजनों के आरोपों को पुलिस ने सिरे से नकार दिया।पुलिस का कहना हैं की परिजनों का आरोप निराधार है। पुलिस ने उसे इसलिए पकड़ा था, क्योंकि उसके ऊपर आरोप थे। आरोपों के कारण ही उसपर मामला दर्ज किया था। नाबालिग के बयानों के कारण धाराओं को बढ़ाया गया है। पुलिस अपना काम कर रही है।
तीन माह पहले भगाकर ले गया था नाबालिग को-
पुलिस के मुताबिक आरोपित युवक तीन माह पहले नाबालिग को भगाकर ले गया था. उसे झांसा देने के बाद ले गया था. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. तब से ही आरोपित युवक फरार था. युवक को पुलिस द्वारा तलाश की जा रही थी, जिसे 28 दिसंबर को खिलचीपुर बस स्टेण्ड से पकड़ा. साथ ही नाबालिग के बयानों के आधार पर अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं में इजाफा किया गया था।
धारायें बढ़ने के बाद 28 दिसंबर को पुलिस ने खिलचीपुर बस स्टेण्ड के समीप से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद पुलिस कस्टडी में ही युवक की जहर के कारण मौत हो गई। पुलिस हिरासत में ही युवक को उल्टियां होने लगी। इसके बाद उसे खिलचीपुर अस्पताल ले गए।वहां से जिला अस्पताल राजगढ़ लेकर पहुंचे। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर भोपाल निजी अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के दौरान एक दिसम्बर को युवक की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने परीजनो को बताया की युवक की तबियत खराब होने से मौत हुई हैं। परिजनों का आरोप हैं की पुलिस ने यह नहीं बताया की युवक की मौत क्यों हुई हैं। हमें भोपाल अस्पताल से जहर खाने की खबर लगी। पुलिस मामले को दबाने की फिराक में थी। इसलिए वह कुछ बताना नहीं चाह रही थी।
सड़क पर शव रखकर किया चक्कजाम-
घटना के बाद परिजनो ने मंगलवार को खिलचीपुर में शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. परिजनों द्वारा युवक को प्रताड़ित करने व जहर देकर मारने के आरोप लगाए। परिजनों ने आरोप लगाए की पुलिस ने उसे बेवजह प्रताड़ित किया है।उन्होंने युवक को जहर देकर मारने के आरोप लगाया। परिजनों ने कहा की युवक की मौत में पुलिस की भूमिका संदेह प्रद है।यही कारण हैं की पुलिस ने परिजनों को घटना के बारे में ठीक से बताने की बजाए कहा की तबियत बिगड गई। जबकि जहर के कारण मौत की सूचना परिजनों को भोपाल से लगी। लम्बे समय तक प्रदर्शन किया. शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करते रहे।वह पुलिस व लड़की के परिजनों पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे। हालांकि बसद में समझाइश के बाद माने. जाम के बाद एएसपी अलोक शर्मा, राजगढ़ एसडीएम गुलाबसिंह बघेल, तहसीलदार सोनू गुप्ता, एसडीओपी आनंद राय भी मौक़े पर जा पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने परिजनों से बात की.
पुलिस बोली आरोप निराधार-
उधर परिजनों के आरोपों को पुलिस ने सिरे से नकार दिया।पुलिस का कहना हैं की परिजनों का आरोप निराधार है। पुलिस ने उसे इसलिए पकड़ा था, क्योंकि उसके ऊपर आरोप थे। आरोपों के कारण ही उसपर मामला दर्ज किया था। नाबालिग के बयानों के कारण धाराओं को बढ़ाया गया है। पुलिस अपना काम कर रही है।
तीन माह पहले भगाकर ले गया था नाबालिग को-
पुलिस के मुताबिक आरोपित युवक तीन माह पहले नाबालिग को भगाकर ले गया था. उसे झांसा देने के बाद ले गया था. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. तब से ही आरोपित युवक फरार था. युवक को पुलिस द्वारा तलाश की जा रही थी, जिसे 28 दिसंबर को खिलचीपुर बस स्टेण्ड से पकड़ा. साथ ही नाबालिग के बयानों के आधार पर अपहरण व पास्को एक्ट की धाराओं में इजाफा किया गया था।