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नाराज चिकित्सकों ने एक घंटे तक नहीं किया काम, पुलिस ने दर्ज किया मामला


छतरपुर। बमीठा थाना क्षेत्र में बीती शाम एक भीषण सड़क दुर्घटना में घायल हुए युवक को उसके परिजन इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए थे। उक्त युवक की मौत हो जाने के बाद उसके परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड के चिकित्सक पर हमला कर दिया जिसके बाद जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। हंगामे की खबर लगते ही एएसपी सहित कोतवाली थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इसी बीच अस्पताल के सभी चिकित्सकों ने करीब एक घंटे तक काम बंद रखा। बाद में जब कोतवाली थाने में हमलावरों पर मामला दर्ज किया गया, तब चिकित्सक काम पर लौटे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बमीठा निवासी दिनेश कुमार पुत्र शंकर प्रसाद अवस्थी उम्र 45 वर्ष शनिवार की शाम अपनी बाईक एपी 16 एमजी 7377 से अपने पुश्तैनी गांव ललार जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में तेज रफ्तार कार क्रमांक यूपी 95 बीजेड 9595 ने दिनेश की बाईक को जोरदार टक्कर मार दी। घटना के बाद कार चालक भियांताल मार्ग पर भाग रहा था लेकिन ग्रामीणों ने कार को पकड़कर चंद्रनगर चौकी पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं इस दुर्घटना में दिनेश अवस्थी बुरी तरह घायल हो गया था और उसे बमीठा अस्पताल ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उसे तुरंत ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन दिनेश को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. साजिद खान ने जांच के बाद दिनेश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और वे डॉ. साजिद के साथ गाली-गलौज करने लगे। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक ने ठीक से जांच नहीं की और परिजनों से ठीक से बात भी नहीं की। एक बार किसी तरह परिजनों को चेंबर से बाहर निकाला गया लेकिन कुछ ही समय बाद परिजन भागते हुए फिर से चेंबर में घुस गए और डॉ. साजिद खान के ऊपर हमला कर दिया। हंगामे की खबर लगते ही एएसपी विक्रम सिंह, कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। वहीं डॉक्टर पर हुए हमले से नाराज होकर जिला अस्पताल के तमाम चिकित्सक एकत्रित हो गए और सभी ने सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार को सूचना देकर काम बंद कर दिया। करीब एक घंटे तक चिकित्सक कार्यवाही की मांग करते रहे। जब कोतवाली थाने में आरोपी संजय अवस्थी सहित कुछ अज्ञात लोगों पर पुलिस ने धारा 353, 332, 294, 323, 506, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया तब जाकर चिकित्सक शांत हुए और अपने काम पर वापिस लौटे।

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