छतरपुर। "आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास" यह कहावत सभी ने सुनी थी पर देखी किसी ने नही थी, मंगलवार को यह सुनी सुनाई कहावत उस वक्त सेकड़ों लोगो ने आखें फाड फाड कर देखी जव एक मास्टर साहव जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तपस्या परिहार से वहाली मागने आये, ओर हवालात की हवा खा बैठे। हम बुन्देलखंडी इसी को कहते है "नरदा की विनती खा गये ओर वखरी हार आये" इन दोनो कहावतो को एक मास्टर साहव ने प्रक्टिकल सहित सच सावित कर दिया, ये वात अलग है की वे अव हवालात मै वैठ कर निश्चित ही अपने किये पर पश्चाताप कर रहे होगे।
मामला विधान सभा चुनाव के वक्त हुई सख्त कार्यवाही से जुड़ा हुआ है,तव ड्यूटी से नदारत शिक्षक विशाल अस्थाना को कलेक्टर संदीप जी आर ने सस्पेंड कर दिया था,मास्टर साहव कलेक्टर के द्वारा की गई निलंबन कि कार्यवाही को यह कहते हुये गलत ठहराने मै जुटे थे की मैं तो अवकास पर था,मेरा निलंबन गलत हुया। इन्ही सव मामलो की जाँच जिला पंचायत की तेजतर्रार ओर इमानदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी तपस्या परिहार के पास थी, मास्साव नें सीईओ मेडम को अपने विभाग के अधिकारियो की तरह शुभ लाभ कर्ता समझ लिया ओर 50 हजार लेकर जिला पंचायत कार्यालय जा पहुचें मासव सोच रहे थे की एक हाथ 50 हजार देंगे ओर दुसरे हाथ वहाली का आदेश मिल जायेगा,बो ये भूल गये थे की जिसे वह चना समझ कर चबाने जा रहे वह चना नही लोहा है। अस्थाना मास्साव ने जैसे ही मेडम कों रिश्वत देने की कोशिस की मेडम नें पुलिस वुला ली ओर अस्थाना सर सीधे हवालत पहुच गये।
आखरी तुक्का-
एक तरफ सीईओ मेडम नें रिस्वत देने की कोशिस करने बाले मास्टर साहव को हवालात की हवा खिलवा दी ओर दुसरी तरफ मास्साव के जिला प्रमुख ने लवकुश नगर के बीईओ रहते हुये एक मास्साव के 19 लाख दुसरे मास्साव के खाते मै डाल दिये जव मामला फस्ता हुआ नजर आया तो जांच प्रतिवेदन मै पूरी टपरिया रिछारिया वावू के सिर पर फोड दी ओर अपने आप को पाक साफ बता दिया पर कार्यवाही किसी पर नही हुई आखिर क्यो ?