विद्यालय के सामने बना श्री राम मंदिर पड़ा खाली,क्या शासकीय भूमि को हड़पने के उद्देश्य से कराया गया था निर्माण ?



सवालों के घेरे में राजनगर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि

शिक्षा के मंदिर से आखिर क्यों नहीं हटाया गया भैंसों का तबेला ?

शिक्षा के मंदिर में भैंस बांधना कहां तक जायज जवाब दें प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि ?

भू माफियाओं पर किसका संरक्षण जांच के बाद लीपापोती क्यों ?

(संदीप सेन)

छतरपुर। राजनगर जनपद शिक्षा केंद्र क्षेत्र चंद्रनगर संकुल केंद्र अंतर्गत टोरिया आदिवासी पुरवा स्तिथ शासकीय प्राथमिक पाठशाला भैंसो का तबेला बनकर रह गया है। जानकारी मिलने पर राजनगर एसडीएम प्रखर सिंह एवं बीआरसी अतुल चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे थे। निरीक्षण में शाला परिसर में भैंसो का तबेला पाया गया। जिसे तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान पटवारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर शासकीय विद्यालय के आसपास अन्य लोगो का भी शासकीय भूमि पर कब्जा पाया गया।नायब तहसीलदार द्वारा नोटिस जारी करते हुए अल्टीमेटम भी दिया गया था कि जल्द शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएं। किंतु कई दिन बीत जाने के बावजूद अब तक ना तो भैंसो का तबेला हटाया गया और ना ही विद्यालय के आसपास का अतिक्रमण इससे साफ तौर से समझा जा सकता है। प्रशासनिक कार्यवाही में लीपापोती की जा रही है यहीं नहीं विद्यालय के ठीक सामने शासकीय भूमि पर कुछ लोगो ने श्री राम मंदिर का निर्माण कराया। लेकिन वर्षो बीत चुके हैं वह भी खाली पड़ा है जहां आज गंदगी का अंबार लगा है सवाल उठता है। क्या शासकीय भूमि को हड़पने के उद्देश्य से धर्म का सहारा लेकर मंदिर निर्माण कराया गया था ? बरहाल अब देखना यह होगा छतरपुर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि कब तक इस और ध्यान देते हैं।

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