Type Here to Get Search Results !
ब्रेकिंग न्यूज़

IMPORTANT LINKS

भगवान को धोखा देने वाले इंसान को यमराज की परवाह नहीं



छतरपुर।हिन्दू मंदिरो पर कब्जे कर साधू वेशधारियों के ऐशो आराम, मंदिरो की जमीनों का अघोषित बेचनामा और मंदिरो की सम्पति पर तानाबाना बुन कर बेचनामा से हुए अघोषित कब्जे। धर्म की आढ़ मे राजनीती की बिसात बिछाने वाली बीजेपी खुद अपने हिन्दू धर्म के मंदिरो की सम्पत्ति बचाने मे नाकाम है। वह हिन्दू संगठन भी मलाई भोग खाकर या उसकी आढ़ मे अपने स्वार्थ सिद्ध करने मे अपने हिंदुत्व को गिरवी रख चुके है। कहते है सरकार जो हो पर चलती तो नौकरशाहो की मनमर्जी से। विश्वसनीय, ईमानदार खासकर नई पीढ़ी की सोच के छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर की पीठ पर एक ऐतिहासिक मंदिर मरई माता की पूरी जमीन पर आज बँगले बन गये है। इसी भूमि के निचले हिस्से मे लोक निर्माण विभाग के बँगले निर्मित है। कुछ बँगले और उससे सटी सरकारी जमीन पर भी कब्जे होने शुरू हो चुके है। कलेक्टर की पीठ पर कब्जे का खंजर भोकने वालो के खिलाफ क्या कार्यवाही होंगी, यही यक्ष सवाल है? छतरपुर जिला मुख्यालय का नरसिंगगढ़ पुरवा। कलेक्टर बँगले की पीठ क्षेत्र होने के कारण पॉश एरिया कहलाता है। भव्य भवन निर्मित है पर इन रसूखदारों के भवन कैसे निर्मित हो गये जब बहुत कुछ क्षेत्र सरकारी भूमि दर्ज था। असल खेल राजस्व विभाग का है जिसके पटवारी, राजस्व निरीक्षक और राजस्व के अधिकारियो से मिलीभगत कर शासन की बेशकीमती जमीने बेच दी। तालाब बेच दिये, कुआँ बेच दिये, शहर के ऐतिहासिक ड्रेनेज़ सिस्टम के नाले बेच दिये, धार्मिक स्थल की जमीने बेच दी। मंदिर की जमीने बिक गई और हिंदूवादी सरकार खामोश है। कलेक्टर बँगले की नाक कहो या पीठ पर खंजर भोंक मरई माता मंदिर की जमीन पर आज बँगले बन गये है। मरई माता का माता मंदिर के बारे मे इतिहास जानकर बताते है कि यह बिजावर स्टेट द्वारा निर्मित कराया गया था। माता मंदिर के पुजारी के भरण पोषण के लिये राजशी शासन मे जमीन दी गई थी। यह एक पहाड़ पर मंदिर था जिसके निचले हिस्से मे राजशी शासन के विलय बाद समझोते मे मप्र शासन को भूमि सौंप दी गई थी। जानकारी अनुसार मप्र शासन की जमीन पर आज भी लोक निर्माण विभाग के बँगले निर्मित है। जिनके आसपास की जमीने भी पुराने राजस्व अभिलेख मे मप्र शासन दर्ज है। जिन्हे खुर्द बुर्द कर निजी हाथो मे बेंच दिया गया। मरई माता के आधीपत्य जमीन पर आज बँगले बने हुए है। लोक निर्माण विभाग की सम्पत्ति तो पूरे शहर मे बिखरी है जिसे विभाग के कमाई पूत निजी हाथो मे सौंप चुके है। मरई माता मंदिर के निचले हिस्से की सरकारी जमीन पर लोक निर्माण विभाग मे बँगले पर अवैध कब्ज़ा है और बंगलो से सटी सरकारी जमीन पर कब्जे किये जा रहे है। कलेक्टर बँगले के नाक के नीचे भी सरकारी जमीन पर बेधडक कब्जे हो चुके है। पुराने पन्ना नाके पर कभी बस का सरकारी डिपो था.। उसी से सटी ऐतिहासिक तालाब था। कलेक्टर ऑफिस मे उच्च पद पर आसीन लोगो ने अवैध कब्ज़ा कर लिया। कुछ जमीन पर अनैतिक रूप से पट्टे हथिया लिये। यह कैसे और किनके इशारे पर सरकार की अरबो रूपये की सम्पत्ति पर कब्जे का खेल हुआ। इसे कोई देखने और सुनने वाला नहीं है। मप्र की हिन्दूवादी सरकार के सानिध्य मे मंदिरो की जमीनों पर कब्ज़ा करो और मजे करो बस यही है सनातन धर्म की आढ़ का राजनैतिक प्रपंच। कहते है बुरे वक़्त भगवान याद आते है। छतरपुर जिले मे तो भगवान की सम्पत्ति को ही बेच दिया गया है,,, सवाल है कि भगवान इंसाफ करेंगे क्यों भगवान को धोखा देने वाले इंसान को तो यमराज की परवाह नहीं।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad