छतरपुर। उत्तर भारत में लगातार पड़ रही बर्फबारी और वहां से आ रही सर्दीली हवाओं का असर बुन्देलखण्ड में भी देखने को मिल रहा है। पिछले दो दिनों से तापमान में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिल रही है। तापमान लुढ़कने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सार्वजनिक स्थलों में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी हवाओं के कारण ठण्ड बढ़ रही है। विभाग के मुताबिक तापमान में और गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं। चूंकि आसमान में बादल छाए रहते हैं इसलिए मौसम साफ होने के बाद ठण्ड में बढ़ोत्तरी होगी। रात से ही कोहरे की चादर फैल जाती है। शनिवार को सुबह करीब 11 बजे तक कोहरा छाया रहा। 150 मीटर से भी कम दृश्यता होने से वाहनों के आपस में टकराने का खतरा बना रहा। आसमान से बरस रही सर्दी का सबसे ज्यादा असर खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने वाले गरीब असहायों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों पर देखने को मिल रहा है। ओस की बूंदें गिरने से जानवरों की ठण्ड और बढ़ जाती है। प्रशासनिक स्तर पर ठण्ड से बचाव के जो उपाय किए जा रहे हैं वे काफी नहीं है। सार्वजनिक स्थलों के अलावा उन स्थानों पर आग जलाने की जरूरत है जहां जानवरों के झुण्ड के झुण्ड खड़े और बैठे रहते हैं। आग के सहारे ही जानवर इस ठण्ड से अपना जीवन बचा सकते हैं। समाजसेवियों की ओर से ऐसे जानवरों के लिए चारा का इंतजाम तो किया जाता है लेकिन ठण्ड से बचाव के इंतजाम नहीं हो रहे। उधर मौसम विभाग एक-दो दिनों में बारिश और ओलावृष्टि की आशंकाएं जाहिर कर चुका है। हालांकि यदि इस समय बारिश होती है तो किसानों की फसलों को ऊर्जा मिलेगी लेकिन ओलावृष्टि उतनी ही घातक साबित हो सकती है।