छतरपुर। छतरपुर में शराब दुकानों के संचालन को लेकर पुलिस और आबकारी विभाग पर दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लग रहे हैं। शहर के सटई रोड, बस स्टैंड और चौबे तिराहे की शराब दुकानें रात 11 बजे के बाद भी नियमविरुद्ध तरीके से खुली रहती हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वहीं, इन्हीं दुकानों से शराब खरीदकर शराब पीने वालों को पुलिस खदेड़ती नजर आती है, जिससे चलते शराब ठेकेदारों को छूट और आम लोगों पर सख्ती की चर्चा शहर में है।
स्थानीय निवासी प्रशांत सिंह भदौरिया ने बताया कि आबकारी विभाग के नियमों के अनुसार शराब दुकानें रात 11 बजे तक ही खुली रह सकती हैं, लेकिन सटई रोड, बस स्टैंड और चौबे तिराहे की दुकानें देर रात तक संचालित होती हैं। हाल ही में एक वीडियो सामने आया, जिसमें पुलिस शराब दुकान के बाहर पीने वालों को हटाती दिखी, लेकिन उसी समय दुकान नियमविरुद्ध खुली थी। नागरिकों ने आरोप लगाया कि आबकारी विभाग और पुलिस ठेकेदारों की अनदेखी करते हैं, जबकि शराब पीने वालों पर आबकारी एक्ट के तहत सख्ती की जाती है। शहर की दुकानें रात 12 बजे तक खुली रहती है, जिससे आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। इसके बावजूद, न तो आबकारी विभाग और न ही पुलिस कार्रवाई करती है। लोगों ने सवाल उठाया कि जब खुले में शराब पीने पर सख्ती का प्रावधान है, तो ठेकेदारों पर नियमविरुद्ध दुकान खोलने की कार्रवाई क्यों नहीं होती? लोगों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट और आबकारी नियमों का पालन सुनिश्चित कर देर रात तक खुलने वाली दुकानों पर तत्काल कार्रवाई हो, ताकि शहर में कानून व्यवस्था बनी रहे और असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगे।
इनका कहना
आपके माध्यम से जानकारी मिली है, दुकानों की जांच कराई जाएगी, नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई कराई जाएगी।
बीआर वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी