फर्जी बिलों पर लाखों रुपए के भुगतान का मास्टर माइंड सहायक सचिव संदीप
बिजावर । राघव भास्कर ने पुर्व में बिजावर जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत पतरा की एक खबर प्रकाशित कर खुलासा किया था कि कैसे एक सहायक सचिव संदीप ने 15 अगस्त 2024 को बांटी गई बुंदी और लड्डू का भुगतान 19 जुलाई को ही कर दिया।अब राघव भास्कर संवाददाता ने जब ग्राम पंचायत पतरा से संबंधित और पडताल की तो चौकाने बाले तथ्य सामने आये है ।जानकारी के मुताबिक जहाँ से स्ट्रीट लाइट खरीदी गई इसका भुगतान अमर इन्टरप्राइसेस के बिल क्रमांक 54 के माध्यम से 1 लाख 18 हजार 637 रुपये का किया गया। जब बिल पर दर्ज पते पर जाकर छानबीन की तो पता चला बहां ऐसी कोई फर्म है ही नहीं। इसके अलावा अमरीश असाटी के नाम पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर ग्राम उदयपुरा में 5 ट्राली बालू के एवज 20 हजार रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन जब इसकी जानकारी ली तो पता चला एक ट्राली बालू का रेट 2 हजार चल रहा लेकिन 4 हजार प्रति ट्राली की दर से भुगतान करना संदिग्ध है। बालू सप्लायर की जानकारी निकाली तो बह किराना एवं अन्डर गारमेंट का व्यापारी निकला । लोकसभा निर्वाचन 2024 के दौरान पंचायत में 3 कुलर 1 अलमारी और 1 टेविल खरीदी का भुगतान राशि 39 हजार 200 का दिनांक 20 मार्च 2024 बिल क्रमांक 1 को किया गया। पंचायत भवन की जब पडताल की तो बहां सिर्फ 1 कुलर पाया गया अलमारी पिछली कहाँ गई किसी को जानकारी नहीं। लगातार इसी तरह से शासन के लाखों रुपए ठिकाने लगा दिए गये लेकिन अब तक किसी भी मामले की जांच तक नहीं की गई और लगातार सहायक सचिव अपने पद का दुरूपयोग कर शासन को लाखों का चुना लगा रहा। 15 अगस्त 2024 आने से पहले ही भुगतान के मामले में जिला सीईओ को शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने से भ्रष्ट सहायक सचिव के हौसले बुलंद है।
भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से पुर्व से ही लोक सुचना अधिकारी(सचिव) द्वारा सुचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास भी अपील की सुनवाई नहीं की जा रही जिससे राज्य सुचना आयोग में अपील की गई है। ताकि प्रमाणित दस्तावेज मिलते ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कानुनी कार्यवाही की प्रक्रिया की जा सके।