स्थानीय ग्रामीण लोग प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज, शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं
छतरपुर। जिले के ग्राम कदारी में तत्कालीन उपसंचालक कृषि बीपी सूत्रकार पर शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा और सार्वजनिक रास्ता बंद करने के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि सूत्रकार ने अपने पद के प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए शासकीय जमीन पर कब्जा कर लिया और इसे अपने पुत्र कार्तिकेय सूत्रकार के नाम कर दिया। इसके बाद जब यह मामला मीडिया के सामने आया तो आनन फानन में बीपी सूत्रकार ने यह जमीन अपने सहकर्मी भ्रत्य के नाम करवा दे।
क्या है पूरा मामला -
बीते 2 साल पहले सूत्रकार ने 60 डिसमिल सिंचित जमीन अपने पुत्र कार्तिकेय सूत्रकार के नाम खरीदी थी, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आस-पास की शासकीय भूमि पर भी कब्जा कर लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सूत्रकार ने ट्रैक्टर और जेसीबी से शासकीय भूमि को खेती योग्य बनाकर अपने कब्जे में ले लिया। इस कब्जे के बाद सूत्रकार ने शासकीय रास्ता को ही बंद कर दिया। जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। ग्राम कदारी के लोगों ने कई बार जनसुनवाई और एसडीएम छतरपुर को मामले की जानकारी दी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन इस मामले में मौन है और सूत्रकार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
शिकायतें और प्रशासन की निष्क्रियता -
ग्राम पंचायत कदारी के सरपंच पुत्र दुर्जी अहिरवार ने हाल ही में एसडीएम छतरपुर को एक शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कार्तिकेय सूत्रकार ने शासकीय भूमि पर कब्जा करके पेड़ काट दिए और शासकीय नाले पर अतिक्रमण कर लिया। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। कदारी निवासी किसान पिरवा कुशवाहा ने भी मई 2024 में कलेक्टर को एक शिकायती आवेदन देकर अपनी जमीन पर बगैर अनुमति के कब्जा करने का आरोप लगाया था। पिरवा ने बताया कि उसकी जमीन बिना अनुमति के कार्तिकेय सूत्रकार को विक्रय कर दी गई, जबकि उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय में ऑनलाइन आपत्ति दर्ज कराई थी। फिर भी रजिस्ट्रार ऑफिस ने नियमों की अनदेखी कर रजिस्ट्री कर दी।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल -
ग्रामीणों का कहना है कि बीपी सूत्रकार ने अपने पुत्र कार्तिकेय के नाम से आधा एकड़ के लगभग जमीन खरीदी थी, लेकिन शासकीय जमीन पर करीब दो एकड़ में कब्जा कर लिया और इसे अपने विभाग में कार्यरत भ्रत्य मोहम्मद इशहाक के नाम विक्रय 21 जून 2024 को कर दिया। इसके बावजूद प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बीपी सूत्रकार और उनके पुत्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और शासकीय जमीन को मुक्त कराया जाए, और शासकीय जमीन पर कब्जा करने वाले इन लोगों के ऊपर वैधानिक कार्यवाही की जाए।
यह मामला प्रशासन की निष्क्रियता और शासकीय जमीन पर अवैध कब्जे का गंभीर उदाहरण है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है और वे प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
इनका कहना है-
आपके द्वारा जानकारी मिली है, शासकीय अधिकारी द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा किए हुए हैं, तो यह गलत है। टीम गठित कार्रवाही करवाता हूं।
अखिल राठौर(एसडीम छतरपुर)