छतरपुर। पिछले कई वर्षों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रहा लवकुशनगर क्षेत्र के ग्राम परसनियां का रहने वाला विकलांग अंशुल गौंड़ मंगलवार को एक बार फिर जनसुनवाई में आवेदन देने पहुंचा। हर बार की तरह इस बार भी अंशुल की पत्नी उसे गोद में उठाकर अधिकारियों के सामने पहुंची, जहां उसने अपना आवेदन देकर अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई और अनुकम्पा नियुक्ति के साथ इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग रखी।
पीडि़त अंशुल गौंड़ ने बताया कि उसकी मां कमलेश गौंड़ शासकीय हाईस्कूल कितपुरा विकासखंड गौरिहार में बतौर अध्यापक पदस्थ थीं और वर्ष 2015 में आगजनी के कारण उनका निधन हो गया था। मां की मृत्यु के बाद अंशुल ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया लेकिन वर्ष 2016 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने उसके बैंक खाते में उसकी सहमति के बगैर 1 लाख रुपए डालकर प्रकरण का निराकरण कर दिया। अंशुल का कहना है कि उसे यह निर्णय मंजूर नहीं है और वह जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा डाली गई राशि लौटाने को तैयार है। अंशुल ने बताया कि उसके पिता का पूर्व में निधन हो चुका है और वर्ष 2019 में हुई एक सड़क दुर्घटना में वह भी पूरी तरह से विकलांग हो गया। उसके परिवार में पत्नी के अलावा जवान बहनें हैं जिनकी शादी कराने का जिम्मा उसके ऊपर है इसलिए जिला प्रशासन उसके प्रकरण पर ध्यान देकर जल्द से जल्द अनकुंपा नियुक्ति प्रदान करे साथ ही उसके इलाज हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। अंशुल का आवेदन लेकर जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार ने जल्द मामले की जांच कराकर निराकरण कराने का आश्वासन दिया है।
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