नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी घोटाले से संबंधित कई एफआइआर को आगे की जांच के लिए सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया है। इसके साथ ही इस संबंध में आरोप पत्र भी दायर कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने बुधवार को यह भी निर्देश दिया कि इन मामलों की सुनवाई नई दिल्ली स्थित एक विशेष सीबीआइ अदालत में हो। साथ ही कहा कि आरोपित को अगर अन्य अदालत से नियमित जमानत नहीं मिलती है तो वह दिल्ली हाई कोर्ट जा सकते हैं।
45 FIR दर्ज
खंडपीठ ने 45 एफआइआर पर आरोपित को अग्रिम जमानत संबंधी 30 अगस्त, 2019 के अपने पूर्ववर्ती आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि अब यह प्रभावी नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रेजिस्ट्री में आरोपित की ओर से जमानत की पूर्व शर्त के तौर पर जमा कराए एक करोड़ रुपये भी दिल्ली स्थित सुनवाई अदालत में स्थानांतरित करने होंगे।
बिटक्वाइन कारोबार के जरिये देश के निवेशकों से धोखा
आरोपित अमित भारद्वाज और अन्य के खिलाफ दर्ज दर्जनों एफआइआर में बिटक्वाइन कारोबार के जरिये देश के निवेशकों से धोखा करने का आरोप सर्वोच्च अदालत में लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि अमित, उसके दो भाई और पिता भी आरोपित हैं। ईडी के मुताबिक देश भर के लोगों को ठगने पर उसके खिलाफ 47 एफआइआर दर्ज हुई थीं। यह मामले में 20 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 87 हजार बिटक्वाइन की ट्रेडिग करने का आरोप है।