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दो से तीन माह में ही उखड़ गई सड़क, नगर परिषद बक्सवाहा में फैला भ्रष्टाचार

 

बक्सवाहा। विकास के नाम पर आई तमाम योजनाएं नगर परिषद बक्सवाहा में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं। अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से चल रहे इन कार्यों में पारदर्शिता का अभाव साफ झलक रहा है। दमोह-छतरपुर नेशनल हाईवे पर बाजना रोड से छोटी पुलिया तक फरवरी 2024 में लाखों की लागत से शुरू हुआ रोड चौड़ीकरण और डिवाइडर निर्माण कार्य कुछ माह में ही अधर में लटक गया।स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों और नगर परिषद अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण कराया गया, जिसके कारण दो-तीन माह में ही सड़क पर दर्जनों गड्ढे हो गए हैं। अब यह सड़क हादसों को आमंत्रण दे रही है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी कार्यालय में मौन बैठे हैं। डिवाइडर भी गायब हैं और निर्माण स्थल की स्थिति बदतर है। नागरिकों का आरोप है कि पूरा प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
स्वच्छता केवल दीवारों पर, जमीनी हकीकत शून्य-
नगर में स्वच्छता के नारे तो दीवारों पर लिखे हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल उलट है। लाखों की लागत से बने अपशिष्ट निस्तारण केंद्र में कचरा पहुंचाया ही नहीं जा रहा, बल्कि सारा कचरा सड़क किनारे फेंका जा रहा है। शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की दीवारों से लेकर पाली रोड, बस स्टैंड, तहसील परिसर और अस्पताल के पास कचरे के ढेर लगे हैं। पूरे नगर में गंदगी फैली है और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
अतिक्रमण से जाम की स्थिति, ठेकेदारों को संरक्षण-
दमोह-छतरपुर मार्ग पर पुराना बस स्टैंड से लेकर बाजना तिराहे तक सड़क के दोनों ओर दुकानदारों और ठेकेदारों का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। कई ठेकेदार महीनों से रेता और गिट्टी मुख्य चौराहों पर फैला कर रखे हुए हैं। इससे राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों और राहगीरों के साथ आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, फिर भी नगर परिषद अधिकारी मौन हैं। त्योहारों के समय यह स्थिति और भी विकट हो जाती है जब बाजार क्षेत्र में जाम की समस्या उत्पन्न होती है।
सड़कों की हालत जर्जर, कार्य अधूरा-
नगर की अधिकांश सड़कों की हालत बेहद खराब है। कई सड़कों पर महीनों से काम बंद पड़ा है, जिससे लोगों को भारी असुविधा हो रही है। यह सवाल उठता है कि निर्माण कार्य इतने लंबे समय से रुके क्यों हैं और इनकी निगरानी कौन कर रहा है? सड़कों पर दिन-रात मवेशियों के बैठे रहने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। हाल ही में पेट्रोल पंप के पास एक बैल की जान सड़क हादसे में चली गई। इसके बावजूद नगर परिषद ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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